सहारनपुर : बिरले ही होते हैं ऐसे जिद्दी लोग और उनके मजबूत इरादों के सामने दुनिया घुटने टेकने को मजबूर होती है, ऐसे ही जिद्दी और लगन के पक्के है 2022 के आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार यादव से आपको रू-ब-रू कराते है, कहते है कुछ लोग अपने सपनों को पूरा करने के लिए जिद पर अड़ जाते हैं। जो बहुत ही जिद्दी और लगन के पक्के होते हैं, क्योंकि कहानी तो आम लोगों की लिखी जाती है. जिद्दी लोगों का तो इतिहास लिखा जाता है। सच्ची लगन, बेहतरीन जिद और दृढ़ इच्छा शक्ति ने उत्तर प्रदेश भगवान श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या जनपद के बीकापुर तहसील के विकास खण्ड तारुन क्षेत्र के छोटे से गाँव पाली अचलपुर में जन्मे मनोज कुमार यादव की निरंतर बिना रुके की गई मेहनत से पांचवीं बार सिविल सेवा परीक्षा में कामयाबी हासिल की और वह बन गए आईपीएस ।
सहारनपुर के सदर क्षेत्र मे एएसपी के रूप में तैनात मनोज कुमार यादव की प्रारम्भिक शिक्षा वही के मार्डन इंटर कालेज में हुई, इसी दौरान मनोज कुमार यादव का चयन केन्द्रीय नवोदय विद्यालय में हो गया था और उच्च शिक्षा शिक्षा के लिए उन्होंने दिल्ली का रुख किया, जहा से उन्होंने स्नातक और डबल एमए में किया और यूपीएससी को लेकर तैयारी करते रहे। मनोज कुमार के पिता नलकूप विभाग में कार्यरत थे जो अब सेवानिवृत्त हो गए हैं।
वर्ष 2022 में चयनित आईपीएस मनोज यादव 3 भाई है। ग्रामीण परिवेश में पले और बढे मनोज कुमार यादव का कहना है कि गांव में रहना ही सबसे बड़ा संघर्ष है और उन्होंने इसी संघर्ष के दौरान अपने शौक के रूप में यूपीएससी परीक्षा को चुना और जिद इतनी थी कि सब कुछ भूलाकर किताबों से दोस्ती कर ली। जिसका परिणाम यह निकला कि आज वह आईपीएस बनकर देश के करोड़ों युवाओं की प्रेरणा बन गए हैं।
दृढ़ प्रतिज्ञा और बचपन की जिद ने बना दिया आईपीएस
बचपन से हमें यही सिखाया जाता है कि जिद मत करो, पर क्या जिद करना सचमुच बुरी बात है? नहीं, बिलकुल नहीं। किसी अच्छे काम के लिए की गई जिद, जिद नहीं रहती बल्कि दृढ़ प्रतिज्ञा बन जाती है। इससे लोगों की जिंदगी बदल जाती है। जिद नाम है उस हौसले का जिसमें नामुमकिन को मुमकिन बनाने का जुनून हो। ऐसे ही है हमारी आज की स्टोरी के महानायक मनोज कुमार यादव जो ग्रामीण परिवेश में पले बढे और यूपीएससी मे कामयाबी पाने के लिये जिद्द पर अड़े गये और लगातार मेहनत करते हुए पांचवें अटेम्प्ट में आईपीएस बनाकर अपनी जिद को पूरा करते हुए इतिहास रच दिया।
आईपीएस मनोज यादव की कहानी प्रेरणादायक
आईपीएस मनोज कुमार यादव की कहानी वास्तव में प्रेरणादायक है, उन्होने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य की और बढ़ते रहे। उनका लक्ष्य था सिर्फ आईपीएस बनना।
मनोज कुमार यादव ने दिल्ली में डबल एम.ए. की डिग्री हासिल की, जिसमें उन्होंने क्रीमिलोजी और फिलासपी विषयों में महारत हासिल की। उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा अपने पांचवे अटेम्प्ट में पास कर नकारात्मक संभावनाओं को हराकर एक आईपीएस अधिकारी बनकर सफलता के झंडे गाड़ दिए।
मनोज कुमार यादव की कहानी यह साबित करती है कि यदि इंसान मेहनत और लगन से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं, तो आप किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। उनकी कहानी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए कभी हार न मानें और अपनी जिद पर अड़े रहकर मेहनत करें, फिर कामयाबी एक दिन कदम चूमेगी।
और अंत में…
मुझे खुद से जीतने की जिद है, मुझे खुद को ही हराना है.. मैं भीड नहीं हूं दुनिया की, मेरे अन्दर एक जमाना है।